सड़क हादसे में बाल-बाल बची महिला सरपंच: गुस्साए लोगों ने किया चक्कजाम…11 घंटे तक फंसी रहीं सैकड़ों गाड़ियां…कोल परिवहन भी बाधित
कोरबा। जिले के आमगांव चौक पर भारी संख्या में ग्रामीण मंगलवार दोपहर से लेकर रात के 12 बजे तक चक्काजाम पर बैठे रहे। इसकी वजह से दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। करीब 11 घंटे तक चले चक्काजाम में सैकड़ों गाड़ियां फंसी रहीं। हरदी बाजार चौकी क्षेत्र अंतर्गत दीपका, हरदी बाजार, कोरबा मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों के परिवहन और रोड किनारे बेतरतीब तरीके से खड़ी गाड़ियों के विरोध में स्थानीय लोगों ने चक्काजाम कर दिया।
लोगों ने कहा कि भारी वाहनों और सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के कारण यहां आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इधर 11 घंटे तक चले चक्काजाम के कारण कोल परिवहन भी बाधित रहा। देर रात अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर चक्काजाम खत्म कराया। दरअसल मंगलवार दोपहर हरदी बाजार चौकी क्षेत्र में ग्राम पंचायत आमगांव की महिला सरपंच ब्रिज कुंवर सड़क हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गईं। इससे गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए और आमगांव चौक पर चक्काजाम कर दिया।
सरपंच ब्रिज कुंवर ने बताया कि वो छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक में शामिल होने गई थी। वापस लौटते समय सड़क किनारे खड़े भारी वाहन के कारण सामने से आ रहे ट्रेलर से टकराते-टकराते बची। ये कोई नई बात नहीं है। यहां अक्सर लोग सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं। कोल परिवहन के लिए भारी गाड़ियां इस इलाके से चलती हैं। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में चक्काजाम किया गया। इधर जाम में गाड़ियों के फंस जाने से गेवरा खदान से कोयला परिवहन बाधित हो गया। सूचना मिलने पर हरदी बाजार चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और चक्काजाम हटाने की कोशिश की, लेकिन लोग हटने को तैयार नहीं थे।
सरपंच ब्रिज कुंवर ने कहा कि दीपका बाई पास रोड पर भारी वाहन के आवागमन के लिए दूसरी सड़क बनाई जाए, साथ ही ट्रांसपोर्टर मालिक सड़क पर गाड़ी खड़ा न करें। अगर सड़क किनारे कोई अपने वाहनों को खड़ा करता है, तो पुलिस उस पर कार्रवाई करे। वहीं चक्काजाम के दौरान छोटी गाड़ियां जैसे-तैसे निकलती रहीं। रात 12 बजे एसईसीएल के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर चक्काजाम खत्म किया गया।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि 13 तारीख तक अगर SECL प्रबंधन अपना वादा पूरा नहीं करता है, तो रलिया, हरदी बाजार, आमगांव और आसपास के गांवों के लोग बड़े स्तर पर चक्काजाम और आंदोलन करेंगे।