धान-मक्का बेचने के लिए 31 अक्टूबर तक होगा पंजीयन: पिछले साल धान बेच चुके किसानों को फिर कराने की जरूरत नहीं…लेकिन बदलाव करा सकेंगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले किसानों को 31 अक्टूबर तक पंजीयन कराना होगा। यह प्रक्रिया एकीकृत किसान पोर्टल के जरिए की जानी है। खरीफ सीजन 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके किसानों को फिर से धान के लिए ही नया पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे धान उत्पादक कृषक जो खरीफ वर्ष 2021-22 में धान विक्रय करने के लिए पंजीयन नहीं कराए थे, उनको नया पंजीयन कराना होगा।
छत्तीसगढ़ खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में आदेश किया है। इसके तहत एकीकृत किसान पोर्टल पर किसानों के नवीन पंजीयन और पंजीकृत फसल अथवा रकबे में संशोधन की कार्यवाही भी 31 अक्टूबर तक की जानी है। पंजीकृत किसानों से ही समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीदी की जाएगी। एकीकृत किसान पोर्टल में नवीन पंजीयन के लिए ऋण पुस्तिका, बी-1 ,आधार नंबर, बैंक पासबुक की छाया प्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।
एकीकृत किसान पोर्टल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री पौधरोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन ,कोदो -कुटकी एवं रागी उपार्जन योजना को सम्मिलित किया गया है। पिछले साल छत्तीसगढ़ में 21 लाख 77 हजार से अधिक किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान बेचा था। सरकार ने इस बार एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी की है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार जल्दी ही धान खरीदी शुरू होने की तारीखों की घोषणा करेगी।
एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन क्यों
अधिकारियों ने बताया, प्रदेश के किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अलग-अलग कार्यालयों में आवेदन अथवा पंजीयन कराना पड़ता था। यह काफी परेशानी वाली बात थी। बाद में सरकार ने प्रक्रिया का सरलीकरण कर विभिन्न योजनाओं के लिए एक प्लेटफार्म बना दिया। कृषक पंजीयन के लिए एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया गया। इसको राजस्व विभाग के भुंईया पोर्टल से लिंक कर दिया गया है ताकि किसानों की जमीन और बोई गई फसलों के रकबा सत्यापन किया जा सके।
इसमें कौन करा सकता है पंजीयन
किसान पोर्टल में सभी प्रकार के भू-धारक एवं वन पट्टा धारी किसान पंजीयन करा सकते हैं । मुख्यमंत्री पौधरोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वन पट्टा धारक, ग्राम पंचायत और संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने उपलब्ध भूमि में पौधरोपण करते हैं, उन्हें भी पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी। खरीफ मौसम की समस्त कृषि एवं उद्यानिकी फसल तथा धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टीफाइड धान एवं पौधरोपण करने वाले किसानों का भी एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन जरूरी है।