कलेक्टर्स कान्फ्रेस का आज दूसरा दिन: राजस्व विभाग पर भड़के मुख्यमंत्री…लोगों का काम समय पर नहीं होने की शिकायतों पर अधिकारियों को चेताया…पर्यटन सुविधा की भी बात
रायपुर। रायपुर सर्किट हाउस में चल रही कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस का दूसरा दौर रविवार को शुरू हो गया। राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान लंबित मामलों को देखकर मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने लोगों का काम समयसीमा में नहीं होने पाने की शिकायतों पर अधिकारियों को चेतावनी दी है। इससे पहले उन्होंने पर्यटन की समीक्षा के बाद राम वन गमन पर्यटन परिपथ में होटल की व्यवस्था जोड़ने को कहा है। वहीं धमतरी के गंगरेल डैम (रविशंकर सागर) में पर्यटकों के आकर्षण के लिए टापू (आइलैंड) विकसित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्व विभाग की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। उन्होंने लोगों का काम समय सीमा में न करने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी। कहा, अगर इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नामांतरण के लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए हैं। उसके बाद उन्होंने सभी कलेक्टरों को नियमित रूप से तहसीलों का निरीक्षण करने को कहा। संभाग आयुक्तों तक को तहसीलों का निरीक्षण करते रहने को कहा है। उन्होंने कहा, राजस्व प्रकरणों को समय सीमा में निपटाएं। नागरिकों को राजस्व प्रकरणों में देरी से परेशानी नहीं होनी चाहिए। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित करें। कामकाज की समीक्षा करें और काम में तेजी लाएं।
इससे पहले पर्यटन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आवासीय व्यवस्था होने से ही पर्यटन बढ़ेगा। ऐसे में पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को रात रुकने की व्यवस्था करें। इसके लिए वहां अच्छे होटल होना जरूरी है। उन्होंने राम वन गमन पर्यटन परिपथ से जुड़े कार्यों की विस्तृत समीक्षा के बाद इसमें होटल जोड़ने का भी निर्देश दिया। बात प्रदेश के जलाशयों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने से हुई। सतरेंगा जलाशय में पर्यटन सुविधाओं और वहां पर्यटकों की आमद से जुड़ी चीजों की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने धमतरी के गंगरेल डैम में आइलैंड को विकसित करने का निर्देश दिया। कहा गया, ऐसा होने से वहां पर्यटकों के लिए नया आकर्षण जुड़ जाएगा।
सूखा और बाढ़ की समीक्षा कर मुआवजे का निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाढ़ और सूखा के हालात और नुकसान की समीक्षा की है। उसके बाद प्रभावित किसानों को समय सीमा में राजस्व पुस्तक परिपत्र की व्यवस्था के तहत राहत राशि दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि दिलाना सुनिश्चित करें। इस योजना से बैगा, गुनिया, पुजारियों को भी योजना में जोड़ा गया है। उन लोगों को योजना की जानकारी देकर लाभ दिलाएं।
एक-एक जिले की समीक्षा कर रहे हैं मुख्यमंत्री
बताया जा रहा है, दूसरे दिन कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा हो रही है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव एक-एक जिले की योजनाओं का आंकड़ा लेकर बातचीत कर रहे हैं। कलेक्टरों से जवाब मांगा जा रहा है। यह दौर करीब ढाई बजे तक चलना है। आखिर में मुख्यमंत्री कलेक्टरों को संबोधित करते हुए टास्क देंगे। उसके साथ ही कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस खत्म हो जाएगी।
शनिवार से शुरू हुई है कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कलेक्टरों से संक्षिप्त चर्चा हुई थी। शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। इसमें क्वान्टीफिएबल डॉटा आयोग के सर्वेक्षण, स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना, वनांचलों में आश्रम-छात्रावासों की स्थिति, राजीव युवा मितान क्लब, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन तथा राज्य में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार शामिल था। उसके बाद पूरी बैठक कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर केंद्रित हो गई। पुलिस के कार्यों की समीक्षा हुई। उसके बाद पुलिस अधिकारियों को विदा कर दिया गया।
आईएएस एसोसिएशन ने डिनर आयोजित किया था
छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ क्लब में शनिवार रात डिनर का आयोजन किया। इसमें कॉन्फ्रेंस में आए अफसरों के साथ राजधानी में तैनात वरिष्ठ अफसर शामिल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी डिनर में पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों की मांग पर छत्तीसगढ़ी गीत गाया।