छत्तीसगढ़ में राज्यसभा के लिए तिकड़म: तीन नेताओं ने सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा पत्र…दर्जन भर से अधिक गंभीर दावेदार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए 31 मई तक नामांकन होना है। यह दोनों सीटें कांग्रेस के खाते में जानी तय है, इसलिए पार्टी में दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। इन सीटों के लिए दर्जन भर से अधिक दावेदार सामने हैं। वहीं तीन नेताओं ने तो सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर टिकट मांगा है।
इंडियन मेडिकल एसाेसिएशन के रायपुर ब्रांच ने कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता को राज्यसभा सीट देने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। एसोसिएशन की ओर से IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल और सचिव डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा है, एसोसिएशन की ओर से वे लोग डॉ. राकेश गुप्ता के नाम की अनुशंसा करते हैं। डॉ. गुप्ता के पिता सरदारी लाल गुप्ता भी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं। डॉ. गुप्ता में नेतृत्व के जन्मजात गुण हैं। वे 1983-84 में रायपुर मेडिकल कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। मेडिकल कॉलेज में 700 बिस्तर अस्पताल आंदोलन का नेतृत्व किया। युवा कांग्रेस में सक्रिय रहे। 2018 के विधानसभा चुनाव की जीत में उनका भी योगदान था।
इससे पहले पूर्व सांसद पीआर खुंटे ने पिछले सप्ताह सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर राज्य सभा का टिकट मांगा। खुंटे ने लिखा कि कांग्रेस ने अभी तक अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग और महिला वर्ग से लोगों को राज्यसभा भेजा है। इसलिए इस बार राज्य सभा जाने का हक अनुसूचित जाति का बनता है। ऐसे में राज्यसभा जाने का पहला अधिकार उनका बनता है। अगर कांग्रेस इस वर्ग से उम्मीदवार घोषित करती है ताे प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के 55 लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व मिलेगा। इस पत्र में खुंटे ने यहां तक कह दिया था कि पिछले 22 सालों से वे विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा का टिकट मांंगते रहे हैं। पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं दिया।
इस बीच राजेंद्र पप्पू बंजारे ने भी सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है, सत्ता और संगठन में 50% मौका युवाओं को दिए जाने के फाॅर्मुले के तहत वे राज्यसभा के मजबूत दावेदार हैं। छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज संगठन में रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश पदाधिकारी तक के पदों पर काम किया है। भाजपा के 15 साल के शासन के दौरान धरना-आंदोलन किया। जेल जाने से भी नहीं घबराया। समाज में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया। उसीका परिणाम था कि 2018 के चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 में से सात पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी हुए। राजेंद्र पप्पू बंजारे ने इस पत्र के साथ अपना विस्तृत बायोडाटा भी लगाया है। उन्होंने इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, चंदन यादव, सप्तगिरी शंकर उलका, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम तक को भेजी है।
संगठन में अभी इन दावेदारों की चर्चा
कांग्रेस संगठन में वरिष्ठ नेताओं के बीच अभी राज्यसभा के लिए दर्जन भर दावेदारों की चर्चा है। इसमें अनुसूचित जाति वर्ग से सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास, मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया और पीआर खुंंटे का नाम है। पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व विधायक लेखराम साहू, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक का नाम है। वहीं सामान्य वर्ग से मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, डॉ. राकेश गुप्ता, संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी का नाम आ रहा है।
एक ही सीट पर स्थानीय को मौका मिलने की भी बात
राज्यसभा में कांग्रेस के शक्ति संतुलन को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व एक सीट पर ही स्थानीय नेता को मौका देगा। वहीं एक सीट पर केंद्रीय नेतृत्व से किसी वरिष्ठ नेता को राज्यसभा भेजा जाएगा। अभी राज्यसभा में कांग्रेस के तीन सदस्यों में फूलोदेवी नेताम अनुसूचित जनजाति की है। छाया वर्मा पिछ़ड़ा वर्ग से थीं जो अब रिटायर हाे रही हैं। वहीं केटीएस तुलसी दिल्ली के हैं। ऐसे में सामान्य, पिछड़ा वर्ग अथवा अनुसूचित जाति वर्ग से किसी को राज्यसभा जाने का मौका मिल सकता है। ऐसे में विनोद वर्मा, राजेश तिवारी, सतीश चंद्र वर्मा लेखराम साहू और गुरु बालदास सबसे गंभीर दावेदार बताए जा रहे हैं। लेखराम का भी दावा इसलिए है कि उन्हें भाजपा की सरोज पाण्डेय के खिलाफ हार तय मानकर भी राज्यसभा का चुनाव लड़ाया गया था।
30 तक उम्मीदवार घोषित होने की बात
पार्टी सूत्रों का कहना है, कांग्रेस छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार की घोषणा 30 मई को करेगी। 31 मई को नामांकन होगा। भाजपा इस चुनाव में दावेदारी नहीं कर रही है। ऐसे में कांग्रेस का नामांकन दाखिल होने के बाद मतदान की नौबत नहीं आएगी। नामांकन का समय बीत जाने के बाद विजेता की घोषणा हो जानी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम दिल्ली रवाना हुए हैं। वहां केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दावेदारों के नामों और अगले चुनाव के समीकरणों को देखते हुए उम्मीदवारी पर फैसला होना है।