बस्तर में फूड प्रोसेसिंग का MOU: इमली और महुआ की प्रोसेसिंग यूनिट लगाएंगी दो कंपनियां…राज्य सरकार के साथ त्रिपक्षीय करार
रायपुर। बस्तर में वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना की ओर सरकार एक कदम आगे बढ़ी है। गुरुवार को उद्योग विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने दो कंपनियों के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं। ये दोनों कंपनियां बस्तर संभाग के दो जिलों में इमली और महुआ प्रोसेसिंग का प्लांट लगाएंगी।
अधिकारियों ने बताया, इस समझौते के तहत बस्तर के कुम्हारपारा की कंपनी बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड चार करोड़ रुपए की लागत से़ कोंडागांव जिले में महुआ डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित करेगी। इसकी क्षमता 600 किलोलीटर प्रतिवर्ष होगी। इस प्लांट से तैयार अधिकांश उत्पाद को अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा। प्लांट के लगने से बस्तर क्षेत्र में फूड ग्रेड महुआ का उपयोग होगा। जिससे उस क्षेत्र के संग्राहकों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा।
गुरुवार को हुए समझौते में पुणे महाराष्ट्र की एक कंपनी कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड बस्तर के लोहण्डीगुड़ा विकास खंड के ग्राम छिन्दगांव में एक प्लांट लगाएगी। करीब 4 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से प्रस्तावित यह इमली प्रोसेसिंग प्लांट होगा। इस केंद्र में इमली का पेस्ट, इमली बीज का पाउडर तथा इमली ब्रिक्स तैयार किया जाएगा। इसकी वार्षिक क्षमता 4500 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की होगी।
इन्होंने किए समझौते पर हस्ताक्षर
समझौते में राज्य शासन की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ,छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने हस्ताक्षर किए। महुआ प्लांट के लिए बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक शुभांक चन्द्राकर ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं इमली प्रोसेसिंग यूनिट के लिए मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड संचालक कार्तिक कपूर ने हस्ताक्षर किए।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स नाम से स्थानीय ब्रांड भी बना रहा पहचान
अधिकारियों ने बताया, सरकार लघु वनोपजों की प्रोसेसिंग से उसकी कीमत बढ़ाने की कोशिश में है। ताकि स्थानीय लोगों को स्थायी आजीविका उपलब्ध कराई जा सके। बड़ी संख्या में स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया है। अब वे “छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्राण्ड के तहत विभिन्न हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रही है। लघु वनोपज संघ निजी निवेशकों को भी बुला रहा है। पिछले दिनों कंकेर जिले में कोदो, कुटकी एवं रागी के प्रोसेसिंग प्लांट के लिए निजी कंपनी से समझौता हुआ था।