रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत हो गई है। अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स के सामने लंबी कतारें लग रही है। दूसरी ओर इस इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है। रायपुर पुलिस ने दो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रविवार को रंगे हाथों दबोचा है।
गिरफ्तार युवकों में एक निजी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ है, जबकि दूसरा रेलवे अस्पताल में कार्यरत उसका साथी है। दोनों ने अस्पताल से करीब एक दर्जन रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराकर बेचा है। उनके पास से नकदी 94 हजार पांच सौ रुपये और दो रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किया गया है।
पूरा देश कोरोना महामारी के भयावह दौर से गुजर रहा है। इस महामारी पर काबू पाने के प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना महामारी से गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति के जीवन रक्षक के रूप में संजीवनी के समान उभर कर सामने आयी है, परंतु कुछ लोग ज्यादा पैसे व मुनाफा कमाने की लालच में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
इसके कारण अस्पताल व दवाई दुकानों में इस इंजेक्शन की किल्लत हो गई है। एसएसपी अजय यादव ने इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त लोगों को पकड़ने के निर्देश दे रखे है। इसी कड़ी में रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि डब्ल्यूआरएस खमतराई स्थित रेलवे हॉस्पिटल में बतौर नर्सिंग स्टॉफ कमलेश साहू(24) खमतराई एवं रायपुरा क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन अधिक कीमत पर मरीजो के स्वजनों को बेच रहा है।
ग्राहक बनकर दबोचा
हरकत में आई साइबर सेल की टीम के एक सदस्य ने ग्राहक बनकर कमलेश साहू से संपर्क कर रेमडेसिविर इंजेक्शन को 14 हजार रुपये में खरीदने का सौदा तय किया। कमलेश ने सेजबहार में इंजेक्शन देने बुलाया। जैसे ही पैसा देकर इंजेक्शन लिया आसपास मौजूद जवानों ने कमलेश दबोच लिया। पूछताछ में उसने श्री दानी केयर मल्टी स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल डूंडा में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ मुजगहन निवासी डेविड मनहरे(26) से इंजेक्शन लेना बताया। इसके बाद डेविड को गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरा डोज बचाकर रख लेते थे आरोपित
डेविड मनहरे ने बताया कि श्री दानी केयर मल्टी स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने उनके स्वजनों से दो डोज मंगाकर रख लेते थे और एक डोज मरीज को लगाकर दूसरे डोज को अपने पास रख लेते थे। बाद में उसे 12 से 14 हजार रूपये में लोगों को बेचते थे। अब तक दोनों ने एक दर्जन इंजेक्शन चुराकर बेचा है। इस तरह कोरोना मरीजों के जीवन के साथ ये खिलवाड़ करते थे।
रेलवे हॉस्पिटल का निकला स्टाफ
मूलत: बलौदाबाजार जिले के सरसींवा, मनपसार निवासी कमलेश साहू चार दिन पहले ही डब्ल्यूआरएस खमतराई स्थित रेलवे हॉस्पिटल में बतौर नर्सिंग स्टॉफ की नौकरी ज्वाइन किया है। वह सत्यम विहार,महादेव घाट रायपुरा में रहता है।
पुलिस ने औषधि विभाग की टीम को बुलाकर रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी कर कमाए गए रुपयों में से कमलेश साहू से 45 हजार और डेविड़ मनहरे से 49 हजार पांच सौ रुपये, दो रेमडेसिविर इंजेक्शन और दो मोबाइल बरामद किया।
औषधि विभाग की टीम ने मामले में आरोपितों के खिलाफ औषधि अधिनियम और मुजगहन थाने में पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। दो दिन पहले ही पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करते बलौदाबाजार के सूर्यकांत यादव और रोहणीपुरम निवासी विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया था।