छत्तीसगढ़ मे विंड एनर्जी प्रोजेक्ट फेल: पहाड़ी क्षेत्र में हवा की रफ्तार 3 मीटर प्रति सेकंड से भी कम…इसलिए बिजली बनना ही बंद

रायपुर। कबीरधाम जिले के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गांवों में हवा से बिजली बनाने की योजना फेल हो गई है। क्योंकि इलाके में हवा की रफ्तार उतनी नहीं है, जिससे कि बिजली उत्पन्न हो सके। क्रेडा की मानें, तो हवा की रफ्तार 9 से 10 मीटर प्रति सेकंड होनी चाहिए। लेकिन यहां के पहाड़ी इलाके में यह 3 मीटर प्रति सेकंड से भी कम है।
बोड़ला ब्लॉक के दरई (दलदली) में साल 2015-16 में टॉवर खड़े कर एनिमोमीटर लगाए थे। यह सर्वे बेंगलुरु की एक कंपनी कर रही थी। करीब एक साल तक इसका अध्ययन किया गया, लेकिन हवा की रफ्तार 3 मीटर प्रति सेकंड से ज्यादा रिकॉर्ड नहीं की गई। जबकि हवा से बिजली उत्पन्न करने के लिए 9 से 10 मीटर प्रति सेकंड रफ्तार चाहिए था। ऐसे में एनर्जी प्रोजेक्ट फेल हो गया।
टॉवर पर लगा एनिमोमीटर टूटा, 3 लाख किए खर्च
विंड एनर्जी के अध्ययन करने के लिए दरई (दलदली) में टॉवर पर एनिमोमीटर लगाए थे। सर्वे फेल होने के बाद भी टॉवर लगा हुआ है। उस पर लगा एनिमोमीटर टूट चुका है। जबकि इस पर तत्कालीन सरकार ने 2 से 3 लाख रुपए खर्च किए थे जो व्यर्थ हो गया। अब यह काम नहीं कर रहा है। गांव के लोगों को यह पता भी नहीं है कि ये टॉवर क्यों लगाए थे।
पहाड़ के गांवों में बिजली की समस्या जस की तस
बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ पहाड़ के गांवों में बिजली की समस्या है। इलाके के कुछ गांव मध्यप्रदेश बॉर्डर से लगे हैं। उन गांवों में बिजली कनेक्शन तो लग गए हैं, लेकिन सप्लाई अक्सर बंद रहती है। इससे ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। हालांकि, कुछ जगहाें पर घरों में बिजली के लिए सौर पैनल भी लगाए गए हैं।
औसतन 10 किमी प्रति घंटा रफ्तार चाहिए
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के मुताबिक हवा से बिजली के लिए औसतन 10 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार चाहिए। ठंड के दिनों में 2 से 3 किमी की रफ्तार से हवा चलती है। लेकिन कवर्धा में बरसात के दिनों में हवा की रफ्तार ज्यादा नहीं रहती है।
छत्तीसगढ़ में 9 अन्य जिलों में हुआ था सर्वे, सभी जगह हुए फेल
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 9 अन्य जिलों में भी विंड एनर्जी के लिए सर्वे हुआ था। इनमें जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, कोंडागांव और रायपुर शामिल है। लेकिन सभी जगहों पर हवा की रफ्तार कम होने से योजना फेल हो गई। बताया जा रहा है कि देश के सिर्फ 7 राज्य ऐसे हैं, जहां विंड एनर्जी से बिजली उत्पादन के लिए हवा की रफ्तार अनुकूल है।
जितनी चाहिए उतनी नहीं है हवा की रफ्तार
क्रेडा के एई अनिल बिंझवार का कहना है कि विंड एनर्जी के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी सर्वे कर रही थी। यहां टॉवर पर एनिमोमीटर में लगे चिप को तय समय पर निकालकर कंपनी को भेजते थे।