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महिला का कमाल: छत को बनाया गार्डन…बिना मिट्टी के उगाई फल और सब्जियां

क्या आपने कभी बिना मिट्टी के फल और सब्जियां उगाने के बारे में सुना है। लेकिन ऐसा बेंगलुरु की जिंसी सैमुअल ने कर दिखाया है। जिंसी को यह आइडिया लॉकडाउन के समय आया। जब सब कुछ बंद और घर से बाहर जाना रिस्की था। ऐसे में बागवानी करना उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ। आज उनके छत पर 230 प्रकार के फल और सब्जियां उग रही हैं। हैरान करने वाली बात है कि जिंसी और न उनके पति सैमुएल ने कोई कृषि प्रशिक्षण नहीं लिया है। जिंसी एमबीएस पास है और बीपीओ में काम करने का अनुभव है।

द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिंसी सैमुअल अपने पौधो को हाइड्रोपोनिक्स और एक्वापॉनिक्स तकनीक का उपयोग कर विकसित कर रही हैं। जिंसी ने कहा कि हाइड्रोपोनिक प्रणाली को आसानी से घर में स्थापित किया जा सकता है। मैंने मिट्टी बनाम हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करके बढ़ते पौधों की तुलना की है। हमने देखा कि विकास तेज है क्योंकि पर्यावरण अधिक नियंत्रित है। उन्होंने कहा, ‘हाइड्रोपोनिक सिस्टम में, एक जलाशय होता है जहां पोटेशियम और नाइट्रोजन जैसे बुनियादी पोषक के साथ पानी को जोड़ते हैं। जितने अनुपात में पौधों की आवश्यकता होती है, उतना ही पानी का उपयोग किया जाता है।’

उन्होंने बताया कि एक्वापोनिक्स में खाद्य मछलियां की मदद ली जाती है। यह मार्केट में आसानी से मिल जाती है। जिंसी ने कहा कि हाइड्रोपोनिक्स और एक्वापोनिक्स मिट्टी को पानी से बदल देते हैं और कीटों को पौधों पर हमला करने से रोकने के लिए पॉलीहाउस जैसे नियंत्रित विकास पर्यावरण का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा, शुरुआत मैं लगभग 96 गमलों में पालक उगाया था। इसके बाद मुझे ओर आगे काम करने का विचार आया। आज उन्होंने अपने 500 वर्ग फुट की छत पर लगभग 200 से 230 किस्मों के पौधे उगाए हैं। जिनमें, बैंगन, चेरी, टमाटर, पालक, मूली, पुदीना, भिंजी, ब्रोकोसी जैसी सब्जियां शामिल हैं। जिंसी ने आगे बताया कि झींगुर और टिलापिया मछली इस खेती में बड़ी उपयोगी हैं।

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