रायपुर

RTO: एनओसी के लिए अब नहीं लगाने पड़ेंगे फायनेंस कंपनी के चक्कर

रायपुर। प्रदेश में अब प्राइवेट फायनेंस कंपनियों के भागने या फिर बंद होने पर वाहन मालिक को एनओसी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दरअसल, प्रदेश में परिवहन विभाग जल्द ही एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है।

परिवहन विभाग अब फायनेंस कंपनियों को ड्रेट सर्टिफिकेट जारी करने का निर्णय लिया है। फायनेंस कंपनी के भागने या फिर बंद होने पर परिवहन विभाग फायनेंस कंपनी का ट्रेड लाइसेंस भी निरस्त कर वाहन मालिक को परिवहन कार्यालय से एनओसी जारी करेगा।

परिवहन विभाग ने इसलिए ऐसा निर्णय लिया है कि प्राइवेट फायनेंस कंपनियां वाहन फायनेंस कर पैसा लेने के बाद एनओसी जारी नहीं करती और वह या तो बंद हो जाती हैं या फिर फरार हो जाती हैं। फायनेंस कंपनी के फरार होने पर वाहन मालिक एनओसी के लिए परिवहन कार्यालय और फायनेंस कंपनी के चक्कर लगाते हैं, जिससे उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

ज्ञात हो कि प्रदेश भर में तकरीबन 60 हजार वाहन तथा रायपुर की बात करें तो एक माह में पांच हजार गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता है। इसमें 99 प्रतिशत से अधिक वाहनों का सरकारी बैंक या फिर प्राइवेट फायनेंस कंपनी या फिर ग्रामीण इलाके में आटो डीलरों द्वारा वाहनों पर स्वंय ही फायनेंस कर दिया जाता है। वाहन मालिक के पैसा पटाने के बाद भी वह हाइपोथिकेशन काटकर नहीं देती और अचानक बंद हो जाती हैं, तो वाहन मालिक को एनओसी नहीं मिल पाती है।

वाहन की एनओसी के लिए वाहन मालिक को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। रायपुर आरटीओ कार्यालय में भी इस तरह की शिकायत आए दिन आती रहती है। इसको देखते हुए परिवहन विभाग ने अब फायनेंस कंपनियों को ट्रेड लाइसेंस देने का निर्णय लिया है। जिससे फायनेंस कंपनी के बंद होने या फिर भाग जाने पर वाहन मालिक के शिकायत के बाद फायनेंस कंपनी का लाइसेंस रद कर परिवहन कार्यलय से वाहन मालिक को आसानी से एनओसी जारी हो जाएगी।

एनओसी न रहने से आती है दिक्कत

यदि वाहन मालिक वर्तमान में उत्तरप्रदेश में रहता है और उसका तबादला छत्तीसगढ़ हो गया। तो वह उत्तर- प्रदेश की आरटीओ से एनओसी लेगा। एनओसी में टैक्स का विवरण रहता है। यदि टैक्स का पैसा बचा है तो उसे वापस हो जाता है उसके बाद वह एनओसी लेकर छत्तीसगढ़ के संबंधित आरटीओ कार्यालय में जमा करेगा तो उसे छत्तीसगढ़ का नंबर मिल जाएगा। मगर, यदि एनओसी नहीं है तो उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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