बिलासपुर

छत्तीसगढ़: दुर्लभ बीमारी से जूझ रही 23 महीने की सृष्टि को मिली मदद…इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ रुपए स्वीकृत

बिलासपुर। दुर्लभ बीमारी से जूझ रही 23 महीने की सृष्टि के इलाज का रास्ता साफ हो गया है। एसईसीएल कर्मी की बेटी को बचाने के लिए कोल इंडिया ने 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन लगाने की स्वीकृति दे दी है। इस संबंध में स्वीकृति पत्र बुधवार को एसईसीएल मुख्यालय पहुंच गया है। एसईसीएल के कोरबा स्थित दीपका क्षेत्र में ओवरमैन सतीश कुमार रवि की बेटी सृष्टि दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कूलर एट्रोफी टाइप-2 से ग्रसित हैं।

मासूम का दिल्ली के एम्स में उपचार चल रहा है। इस बीमारी के इलाज के लिए सिर्फ अमेरिका द्वारा अनुमोदित एक इंजेक्शन है। वहीं, इस इंजेक्शन के प्रभाव और सुरक्षा के संबंध में पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं। इस इंजेक्शन को भारत सरकार के अनुमोदन की भी प्रतिक्षा है। इसके लिए इंजेक्शन की कीमत आड़े आ रही थी। दवा की कीमत 16 करोड़ रुपए है। कई प्रयासों के बावजूद भी एसईसीएल कर्मी का परिवार और स्वयंसेवी संगठन जरूरी राशि इकट्ठा नहीं कर पा रहे थे।

इस पर एसईसीएल प्रबंधन को इलाज में मदद के लिए पत्र लिखा गया। इस पर एसईसीएल ने पहल करते हुए कोल इंडिया से इस संबंध में अनुमति मांगी। एसईसीएल के प्रस्ताव पर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बुधवार को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके बाद अब मासूम के इलाज का रास्ता साफ हो गया है। एसईसीएल की पहल पर जल्द ही विदेश से इंजेक्शन मंगाकर सृष्टि का उपचार किया जाएगा। इसके लिए स्वयंसेवी संगठन के मनीष राय ने भी प्रयास किया था।

पहले भी दुर्लभ बीमारियों के लिए एसईसीएल ने की है मदद

एसईसीएल की ओर से इससे पहले भी दुर्लभ बीमारियों के लिए मदद की है। इस मामले में दवा को भारत सरकार की मंजूरी नहीं मिलने पर तकनीकि दिक्कतें थीं। इसके कारण सरकारी संस्थानों से मदद नहीं मिल पा रही थी। वहीं, एसईसीएल के अधिकारियों ने मामले में पहल करते हुए कोल इंडिया से राशि स्वीकृत करने प्रस्ताव भेजा था।

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