छत्तीसगढ़

TV पर फ्लॉप रहा IPL: 30% रेटिंग्स गिरी…जानिए दर्शकों को लुभाने में क्यों नाकाम रही दुनिया की सबसे बड़ी लीग

IPL का 15वां सीजन खत्म हो चुका है। खिताब गुजरात टाइटंस के नाम रहा है। हालांकि, इस साल IPL को टीवी पर दर्शकों का भरपूर प्यार नहीं मिला है। शुरुआती 4 सप्ताह में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग की टीवी रेटिंग्स लास्ट ईयर की तुलना में 35% तक गिरी और इसके बाद गिरावट 30% तक रही। 15 साल में पहली बार IPL की टीवी व्यूअरशिप में इतनी भारी-भरकम गिरावट देखने को मिली है।

ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल IPL टीवी पर क्यों पिट गया? क्या बड़ी टीमों के बाहर होने और बड़े खिलाड़ियों के खराब परफॉर्मेंस इसकी वजह हैं? 6 पॉइंट्स में समझने का प्रयास करते हैं, आखिर क्यों IPL दर्शकों को लुभा पाने में पूरी तरह नाकाम रहा?

1. चेन्नई और मुंबई की नाकामी IPL की टीवी रेटिंग्स पर भारी पड़ गई

अमूमन हर सीजन में यह कहा जाता था कि IPL की बाकी टीमें चेन्नई और मुंबई के हाथों हारने के लिए ही इस लीग में हिस्सा लेती हैं। क्योंकि, दोनों टीमों ने साथ मिलकर 9 ट्रॉफी अपने नाम की हैं। इस साल भी दर्शकों को कुछ ऐसी ही उम्मीद थी, लेकिन सीजन की शुरुआत से ही CSK और MI के शर्मनाक प्रदर्शन ने फैंस का दिल तोड़ दिया।

5 बार की IPL विजेता मुंबई किसी भी सीजन में लगातार 8 मुकाबले हारने वाली पहली टीम बन गई, जबकि CSK और MI 14 मुकाबले खेलकर केवल 4-4 मैच ही जीत सकीं। दोनों ही टीमें पॉइंट्स टेबल में 9वें और 10वें पायदान पर रहीं। दोनों टीमों के खराब प्रदर्शन का असर हमें टीवी रेटिंग्स में देखने को मिला।

सीजन स्टार्ट होने से 1 दिन पहले जिस तरह महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया, वह प्रशंसकों के लिए बड़े सदमे की तरह था। अचानक रवींद्र जडेजा को कप्तानी सौंपना फैंस स्वीकार नहीं कर पाए। जो लोग धोनी को कप्तानी करते देखने के लिए बेचैन थे, उनकी रुचि शुरुआती मुकाबलों में कम हुई।

2) विराट कोहली और रोहित शर्मा के फ्लॉप शो ने डुबो दी IPL की नैया

विराट कोहली आज विश्व क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय सितारे हैं। सोशल मीडिया से लेकर स्टेडियम तक, हर जगह उनके फैंस अपने चहेते सुपरस्टार का हौसला बढ़ाने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

जिन किंग कोहली से शतकों के बौछार की उम्मीद थी, वह करियर में पहली बार किसी IPL सीजन में तीन बार गोल्डन डक आउट हो गए। गोल्डन डक का मतलब है कि पहली ही गेंद पर बगैर खाता खोले पवेलियन का रास्ता नाप लेना।

विराट के फैंस में मायूसी की लहर दौड़ गई। उन्होंने टीवी से मानो परहेज कर लिया। डर था कि इधर वह मैच खोलेंगे और उधर विराट अजीबोगरीब तरीके से आउट होकर वापस लौट जाएंगे। विराट फॉर्म में लौटे भी तो बेंगलुरु के अंतिम लीग मैच में। तब तक चिड़िया खेत चुग चुकी थी।

विराट के सबसे बड़े कॉम्पटीटर माने जाने वाले रोहित शर्मा भी IPL इतिहास में पहली बार पूरे सीजन एक भी 50 नहीं लगा सके। ना शर्मा जी का बेटा चल सका और ना ही शर्मा जी का दामाद, असर टीवी रेटिंग्स में दिखना ही था।

3) दो नई टीमों की एंट्री दर्शकों को पसंद नहीं आई

आठ टीमों का टूर्नामेंट अपने आप में काफी लंबा था। इस बीच दो और नई टीमों की एंट्री ने फैंस का मन बोझिल कर दिया। सबको लगने लगा कि शुरुआती दौर के मुकाबलों का कोई मतलब नहीं है।

फैंस मान बैठे कि लड़ाई तो लीग स्टेज के अंतिम चरण में होगी। यह भी सीजन स्टार्ट होने से पहले ठीक से क्लियर नहीं हो पाया कि दो टीमों के बीच आपस में कितने मुकाबले खेले जाएंगे

कोई दो टीमें आपस में दो बार भिड़ रही थीं, तो कहीं टीमों के बीच केवल एक मुकाबला खेला गया। दरअसल IPL गवर्निंग काउंसिल प्रतियोगिता के फॉर्मेट को लेकर दर्शकों के मन में उठ रहे सवालों का सही समय पर जवाब नहीं दे सका।

नतीजा यह हुआ कि फैंस ने इसको लेकर माथापच्ची करना ही छोड़ दिया। आखिरकार इसका असर टीवी रेटिंग में दिखा।

4) गहराता नजर आया IPL में अंपायरिंग की विश्वसनीयता का संकट

बीते कुछ वर्षों में IPL अंपायरिंग में विश्वसनीयता के संकट से जूझता नजर आया है। इस सीजन भी अंपायरिंग का गिरता स्तर फैंस को टीवी पर चल रहे IPL से दूर करने का जिम्मेदार रहा।

रोहित शर्मा जैसे दिग्गज बल्लेबाज को नॉट आउट रहने पर भी आउट करार दिया जाना अंपायरिंग के न्यूनतम स्तर का प्रमाण है। हद तो यह हो गई कि इस बार CSK बनाम MI के मुकाबले में पावर कट के नाम पर चेन्नई की पारी के दौरान शुरुआत में DRS गायब कर दिया गया।

क्लियर दिख रहा था कि चेन्नई के इन फॉर्म ओपनर डेवॉन कॉनवे नॉट आउट थे और रॉबिन उथप्पा के आउट का निर्णय भी विवादास्पद था। इसके बावजूद DRS ना होने के कारण दोनों ही बल्लेबाजों को पवेलियन लौटना पड़ा।

इन निर्णयों ने मैच का रुख मुंबई की तरफ मोड़ दिया। एक बार टीवी ऑडियंस को अंपायरिंग के स्तर पर संदेह हो गया, तो स्वाभाविक रूप से मुकाबलों में उनकी दिलचस्पी घट गई।

5) साउथ फिल्म इंडस्ट्री के तूफान में तिनकों की तरह उड़ गया IPL

पहले IPL के दौरान अपनी फिल्म रिलीज करने से बॉलीवुड घबराता था। चाहे खान तिकड़ी हो या अक्षय और अजय, सबको लगता था कि पिक्चर लाएंगे तो पिट ही जाएगी। इस बार KGF-2 और RRR जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सुनामी ला दी।

KGF 2 ने बॉक्स ऑफिस पर 1250 करोड़ बटोर लिए हैं। हाल के दिनों में 50 दिनों तक थियेटर्स में मजबूती से टिकने वाली यह पहली फिल्म बन गई है। इसके अलावा RRR ने भी बॉक्स ऑफिस पर 1115 करोड़ की कमाई की।

साउथ के दिग्गज फिल्मकारों ने स्टोरी और स्क्रीनप्ले के दम पर फैंस को बड़ी संख्या में थियेटर आने पर मजबूर कर दिया। लोगों ने IPL की बजाय इन फिल्मों को देखना ज्यादा बेहतर समझा। नतीजा सामने है कि IPL टीवी पर बुरी तरह फ्लॉप रहा।

6) रैना और गेल के साथ जो हुआ, वह कई दिल तोड़ गया

सुरेश रैना के साथ मेगा ऑक्शन में जैसा बर्ताव हुआ, वह काफी फैंस को रास नहीं आया। मिस्टर IPL के नाम से मशहूर इस प्लेयर को कई राउंड की बोलियों के बावजूद किसी टीम ने खरीदने के लायक नहीं समझा।

चेन्नई सुपर किंग्स को अपने दम पर कई मुकाबले जिताने वाले रैना को अगर CSK अपने साथ जोड़ लेती, तो चेन्नई के मिडिल ऑर्डर को मजबूती भी मिलती और फैंस का उत्साह भी बढ़ता।

क्रिस गेल को IPL की लोकप्रियता के लिए काफी क्रेडिट दिया जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में गेल-स्टॉर्म का क्रेज दिखाई पड़ता है। गेल ने इस बार मेगा ऑक्शन से अपना नाम ही वापस ले लिया। सीजन के बीच में गेल का बयान सामने आया कि उन्हें बीते कुछ वर्षों से अपने साथ किए जा रहे बर्ताव पर ऐतराज था।

इसलिए उन्होंने IPL में हिस्सा नहीं लिया। रैना और गेल जैसे IPL के सुपरस्टार्स के साथ किया गया व्यवहार और मुकाबलों में उनकी गैरमौजूदगी ने टीवी व्यूअरशिप पर निगेटिव इंपैक्ट डाला।

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