रायपुर

मिशन 2023 के लिए JCCJ का बड़ा दांव: छत्तीसगढ़ में निकलेगी ‘जोगी जन अधिकार’ पदयात्रा…300 किमी तय कर गिरौदपुरी पहुंचेंगे अमित

रायपुर। कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा के शोर के बीच छत्तीसगढ़ में एक चुनावी पदयात्रा की तैयारियां तेज हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ इसी महीने से ‘जोगी जन अधिकार पदयात्रा’ निकालने जा रही है। इसका नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी करने वाले हैं। इसका पहला चरण 300 किलाेमीटर का होगा।

अमित जोगी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 2023 के विधानसभा चुनाव में लगभग 350 दिन बाकी है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) इसी महीने से अपनी चुनावी तैयारी का आगाज़ करने जा रही है। इसके तहत “जोगी जन अधिकार’ पदयात्रा पूरे छत्तीसगढ़ में आयोजित होगी। मैं स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व करुंगा और छत्तीसगढ़ के हर वर्ग और हर जाति के लोगों तक अपने विजन को पहुंचाउंगा। अमित जोगी ने बताया, पहले चरण में यह पदयात्रा 300 किलोमीटर की होगी।

इस दौरान यात्रा छह विधानसभा क्षेत्रों मस्तूरी, अकलतरा, पामगढ़, जैजैपुर, चंद्रपुर और बिलाईगढ़ से होकर गुजरेगी। 18 दिसंबर को बाबा गुरु घासीदास जी की 266 वीं जयंती के दिन गिरौदपुरी में पदयात्रा का पहला चरण समाप्त होगा। अमित जाेगी ने कहा “जोगी जन अधिकार पदयात्रा’ के माध्यम से बूथ स्तर पर नए लोगों, विशेषकर युवाओं को पार्टी से जोड़ा जायेगा और एक मजबूत संगठन खड़ा किया जाएगा।

पांच चुनावी मांगों के साथ उतरेगी JCCJ

  • 2500 रुपये समर्थन मूल्य केवल एक फर्जीवाड़ा है। बढ़ती महंगाई ने किसानों की लागत को और बढ़ा दिया है। इसलिये किसानों के लिए 3200 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने की मांग।
  • बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था। 4 वर्ष हो गए, एक पाई नही दी गयी। 48 महीनों के हिसाब से छत्तीसगढ़ के हर युवा बेरोजगार के खाते में एक लाख 20 हजार रुपए डालने की मांग।
  • गरीबों के लिए आवास नही बनाना सबसे बड़ा पाप है। सरकार हर हितग्राही के खाते में तत्काल पांच लाख रुपए डाले ताकि लोग अपना आवास बना सके।
  • अनुसूचित जाति को 16% और अनुसूचित जनजाति को 32% आरक्षण में थोड़ी भी कांट छांट नही करने देंगे।
  • प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में शराबबंदी को तत्काल लागू किया जाए।

कांग्रेस-भाजपा दोनों पर निशाना

अमित जोगी ने इस पदयात्रा के जरिये दोनों राष्ट्रीय राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा को घेरने का मन बनाया है। उन्होंने कहा, दोनो राष्ट्रीय दलों की सरकारों ने छत्तीसगढ़ को केवल वोट के बदले खोट देने का काम किया है। पहले एक राष्ट्रीय दल के मुख्यमंत्री ने 15 सालों में वादाखिलाफी और लूट का इतिहास रचा। अब दूसरे राष्ट्रीय दल के मुख़्यमंत्री वादाखिलाफी का रिकॉर्ड तोड़ने में लगे हैं। पहले बोनस, फिर शराबबंदी, नियमितिकरण, आवास और बेरोजगारों को 2500 रुपया प्रतिमाह देने तक की वादाखिलाफी की सूची बहुत लंबी है।

अगले चुनाव में भाजपा का विकल्प बनने का दावा

अमित जोगी ने कहा, भाजपा छत्तीसगढ़ में पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है। 15 साल का पाप इतनी जल्दी नहीं धुलने वाला। यह बात भाजपा का कार्यकर्ता भी अच्छी तरह जानता है कि 2023 में पार्टी अपनी 14 सीटें बचा ले यही बहुत बड़ी बात है। अमित जाेगी का दावा है, छत्तीसगढ़ की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति हमारे लिए एक बहुत ही सुनहरा अवसर है। यह अपनी बात जनता तक पहुंचाने का और जनता को उनका क्षेत्रीय मंच देने का अवसर बना रही है। इस यात्रा के बाद अगला चुनाव जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और कांग्रेस के बीच होगा।

छत्तीसगढ़ में संविदाकर्मियों को नियमित कराने की थी मांग

ओडिशा और राजस्थान सरकारों ने अनियमित सरकारी कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में भी इसके लिए सरकार पर दबाव बनाने की राजनीति शुरू है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने इसके लिए कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है।

कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने की बधाई देते हुए अमित जोगी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का ध्यान अनियमित कर्मचारियों के मुद्दें की ओर दिलाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में एक लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारी हैं। कांग्रेस ने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था।

तीन वर्ष पूर्व 11 दिसंबर 2019 को सरकार ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया के तहत एक समिति गठित की थी। आज तक वह समिति भी कुछ नहीं कर सकी। 2021 में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी इसका आदेश नहीं हो पाया। इसकी वजह से कर्मचारी संगठन आंदोलन भी चला रहे हैं। अमित जोगी ने मल्लिकार्जुन खड़गे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से राज्य सरकार को निर्देशित करने का आग्रह किया है, ताकि वह भी ओडिशा और राजस्थान की तरह कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला करे।

छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारियों को सरकार नियमित करने के मूड में है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कर्मचारियों के सेटअप, वेतन, कर्मचारियों की योग्यता, आरक्षण नियमों से जुड़ी जानकारी सरकार जुटा रही है। इसलिए प्रदेश के हर विभाग को जानकारी भेजने के निर्देश जारी किए गए थे। ये निर्देश सामान्य प्रशासन के अवर सचिव एसके सिंह की तरफ से जारी किए गए थे। सिंह ने अपने पत्र में कहा था – सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव से अपने विभागों के कर्मचारियों की जानकारी दें। इसमें निगम, मंडल, आयोग, संस्था, कार्यालय में काम कर रहे अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा में काम कर रहे लोग शामिल होंगे।

यह जानकारियां मांगी गई थीं

  • विभाग में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतन भोगी, संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं।
  • क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं।
  • कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है।
  • क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का पालन किया गया है।
  • विभागामें अनियमित, दैनिक वेतन भोगी, संविदा पर कार्यरत उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है तथा नियमित पदों का क्या वेतनमान है।

इस वजह से शुभ संकेत

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी संगठन से जुड़े रवि गढ़पाले ने बताया था कि इससे पहले सरकार संख्यात्मक रूप से जानकारियां लेती रही है, मगर यह पहली बार है जब भर्ती के नियमों, आरक्षण, वेतन से संबंधित जानकारी मांगी गई है। हो सकता है कि अभी सरकार जल्द ही नियमितीकरण का नियम बनाकर कर्मचारियों को नियमित करें। ये हमने जो पिछने दिनों आंदोलन किया उसका असर है।

रवि ने आगे कहा कि ऐसे में हम कर्मचारी संगठन से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि सभी कर्मचारियों की सही जानकारी शासन तक भेजी जाए। कोई भी कर्मचारी छूटे ना ताकि उसे नियमितीकरण का अधिकार मिल सके। प्रदेश में सभी विभागों में काम करने वाले 1 लाख 80000 अनियमित कर्मचारियों से जुड़ा हुआ मामला है। रवि ने बताया कि अनियमित कर्मचारी के तहत दैनिक वेतन भोगी, मानदेयकर्मी, संविदा, ठेका और अंशकालीन कर्मचारी आते हैं।

भाजपा भी कर चुकी है वादा

पिछले दिनों रायपुर में लगातार हुए अनियमित कर्मचारियों के आंदोलन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि लगभग 40,000 अनियमित कर्मचारियों को उनकी सरकार में नियमित किया था। अगर आने वाले समय में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी तो पहली चिंता अनियमित कर्मचारियों की करेंगे।

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