दंतेवाड़ा

छत्तीसगढ़ में पहली बार मिला दुर्लभ प्रजाति का शर्मिला सांप: NMDC प्लांट से किया गया रेस्क्यू…इसके दांतों में जहर नहीं होता

दंतेवाड़ा। जिले में एक अनोखा दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है। इस सांप को ‘एरो हेडेड ट्रिंकेट’ के नाम से जाना जाता है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में इस प्रजाति का यह पहला सांप मिला है। जिसे स्नेक रेस्क्यू टीम ने बैलाडीला के घने जंगलों में छोड़ दिया है। यह बेहद ही शर्मीले किस्म का सांप होता है। जो पेड़ की टहनियों और जमीन दोनों जगह रहता है।

दरअसल, दंतेवाड़ा के NMDC स्क्रीनिंग प्लांट 10-11 में इस सांप को देखा गया था। जिसके बाद स्नेक रेस्क्यू की टीम को सांप को पकड़ने के लिए बुलाया गया। टीम ने सांप का सफल रेस्क्यू किया। इसके बाद इस सांप के बारे में पूरी जानकारी दी। टीम के सदस्य अमित मिश्रा ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है। इसके दांतों में जहर नहीं होता। छत्तीसगढ़ में यह पहली बार मिला है।

सांप का सुरक्षित रेस्क्यू कर इसे बैलाडीला के सुरक्षित जंगल में ही छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि इस सांप का मुख्य आहार चिड़िया, मेंढ़क, गिरगिट, छिपकली, और चूहे है। हल्के भूरे और चितकबरे कलर का यह सांप देखने में बेहद खूबसूरत लगता है। अमित ने बताया कि इससे पहले छत्तीसगढ़ में इस सांप के मिलने का आज तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला था। पहली बार दंतेवाड़ा में देखा गया है।

किसी को काट ले तो नुकसान नहीं होता

अमित मिश्रा ने बताया कि, इस सांप के अमूमन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड समेत गोवा के जंगल देखे जाने के अब तक प्रमाण मिल चुके हैं। यह बेहद ही दुर्लभ प्रजाति का सांप है। इसके दांतों में जहर बिल्कुल भी नहीं होता। यह अपने शिकार को दबोचकर मारता है। यदि यह किसी को काट ले तो कोई नुकसान नहीं होता है।

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