रायपुर

आस्था के फूलों से महकेंगे खेत: मंदिरों से निकलने वाला फूलों का वेस्ट अब आएगा काम…महिलाएं बनाएंगी खाद

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अब मैरिज हॉल, मंदिर और दुकानों से निकलने वाले फूलों का कचरा वेस्ट नहीं होगा। फूल पत्तियों के वेस्ट से अब वेस्ट प्रोडक्ट तैयार होंगे और इसके लिए नगर निगम ने खास अभियान शुरू किया है। इस्तेमाल के बाद बर्बाद होने वाले फूल पत्तियों से अब रायपुर की स्व सहायता समूह की महिलाएं खाद तैयार करेंगी, जो किसानों को पैदावार बढ़ाने में मदद करेंगे। पूरी तरह से ऑर्गेनिक खाद फसल की क्वालिटी के लिए भी बेस्ट साबित होगा।

कलेक्शन शुरू

राजधानी रायपुर के मंदिरों से अब फूलों के वेस्ट को कलेक्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है। नगर निगम की टीमों ने महामाया मंदिर, शीतला मंदिर से फूलों को कलेक्ट किया। रायपुर शहर के मैरिज हॉल से भी इसी तरह से फूल कलेक्ट किए जा रहे हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष नागभूषण राव ने बताया आमतौर पर इन्हें कचरे में ही डाला जाता था। मगर अब इनका सही इस्तेमाल होगा , रायपुर नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में शहर की स्थिति को बेहतर करना चाहता है। इसीलिए अब इस अभियान की शुरुआत की गई है। जिसमें खराब फूलों से भी हाथ बनाने का काम होगा।

अगरबत्ती बनाने के प्रोजेक्ट में भी हो सकता है इस्तेमाल

फूलों के इस वेस्ट से स्व सहायता समूह की महिलाओं को काम मिलेगा। इसे खाद के तौर पर फिलहाल प्रोसेस किया जा रहा है। एक्सपर्ट की माने तो देश के कई हिस्सों में वेस्ट फूलों से अगरबत्ती बनाने का काम भी होता है। रायपुर में भी इस प्रोजेक्ट पर विचार किया जा सकता है। इससे स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय भी बढ़ सकती है और मंदिरों से निकलने वाले फूलों का यह बेहतर इस्तेमाल हो सकता है।

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