रायपुर

शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से सप्ताह की बातचीत: खेलों में छत्तीसगढ़ के पीछे होने के सवाल पर बोले- आवासीय एकेडमी खोली जा रही हैं…इसके लिए तीन कंपनियों से एमओयू किए गए हैं

रायपुर। छत्तीसगढ़ खेलों में हमेशा पीछे रहा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ से भी हरियाणा जैसे खिलाड़ी निकले, इसके लिए सरकार क्या कर रही है? यह सवाल हरिखिलाड़ी के मन में होता है। जब यह सवाल उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री उमेश पटेल से किया गया तो उनका जवाब था कि खेलों पर सरकार का पूरा फोकस है। अच्छा प्रशिक्षण देने के लिए आवासीय एकेडमी खोली जा रही हैं। वो दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ भी खेलों के मामले में पूरे देश में जाना जाएगा।

सवाल- खेलों में छत्तीसगढ़ बहुत पीछे है, इसे आगे लाने के लिए खेल मंत्री क्या कर रहे हैं ?
जवाब- आवासीय एकेडमी खोली जा रही हैं, इसके लिए तीन कंपनियों से एमओयू किए गए हैं, नेशनल लेवल के कोच रखे जा रहे हैं

सवाल- छत्तीसगढ़ ओलंपिक की मूलधारणा क्या है। इससे क्या हम खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकेंगे?
जवाब- छत्तीसगढ़ी ओलंपिक हमारी संस्कृति को नई पहचान दिलाएगा। हमारे पारंपरिक खेलों को गांव से लेकर राज्य तक हर कोई जानेगा। इसका असर जमीनी स्तर पर देखने को मिलेगा।

सवाल- खेलों में छत्तीसगढ़ बहुत पीछे है, प्रदेश का हरियाणा की तरह नाम हो, इसके लिए क्या प्लान है?
जवाब- हमारी सरकार हमेशा खिलाड़ियों पर केंद्रित रही है। खिलाड़ियों के लिए पांच आवासीय एकेडमी खोली जा रही हैं। जिसमें से रायपुर और बिलासपुर में एकेडमी शुरू भी हो चुकी हैं। बाकी तीन के लिए भिलाई स्टील प्लांट, एनएमडीसी और जिंदल से एमओयू किए गए हैं। इन आवासीय एकेडमी में इंटरनेशनल और नेशनल लेवल के कोच रखे जा रहे हैं। प्रदेश में पांच सांई खोलने की अनुमति भी मिल गई है।

सवाल- प्रोफेसर्स के पदों पर भर्ती कब होगी?
जवाब- प्रोफेसर्स की भर्ती प्रक्रियाधीन है। हमने भर्ती के नियमों को बदलने का काम किया है, अगर पुराने नियम पर चलते तो अभी भी भर्तियां करना बहुत मुश्किल हाेता। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया 2023 तक पूरी हो जाएगी।

सवाल- इंजीनियरिंग की सीटें खाली रह जा रही हैं?
जवाब- ये विषय पूरे देश का है। सीटों का भरा जाना डिमांड और सप्लाई पर होता है। पहले इंजीनियर्स की डिमांड अधिक थी और कॉलेज कम। बाजार में इंजीनियरों की सीटों की अपेक्षा डिमांड नहीं बढ़ी। इसी वजह से सीटें खाली रह जा रही है। हालांकि हमारा प्रयास है कि ओपन काउंसलिंग के माध्यम से खाली सीटें भरी जाएं।

सवाल- भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों ओबीसी जाति के नेताओं को बनाया। क्या जातिगत राजनीति सफल होगी?
जवाब- भूपेश बघेल पांच साल प्रदेश अध्यक्ष रहे। दिन रात मेहनत की, पार्टी को आगे लेकर आए। तब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। इसमें कहीं कोई जाति वाली बात नहीं थी। अभी तक प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री हुए-एक आदिवासी, एक सामान्य और एक ओबीसी। इसमें भी कहीं जाति नजर नहीं आती। छत्तीसगढ़ में यूपी-बिहार जैसी जातिगत राजनीति का सवाल नहीं उठता।

सवाल- झीरमघाटी मामले में जांच अधूरी है। दोषियों को सजा दिलाने के लिए आप क्या करने जा रहे हैं?
जवाब- मामले पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। हम कोर्ट की शरण में जा रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि कोर्ट से सहयोग मिलेगा और दोषियों को जल्द ही सजा।

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